Direct To Cell मौजूदा LTE फोन के साथ काम करता है, जहाँ पर भी आपको आसमान दिखे. टेक्स्ट, वॉयस और डेटा तक सतत एक्सेस के लिए हार्डवेयर, फ़र्मवेयर या विशेष ऐप्स में किसी भी बदलाव की ज़रूरत नहीं है.
Direct To Cell क्षमता वाले Starlink सैटेलाइट में एक एडवांस eNodeB मॉडेम ऑनबोर्ड होता है, जो स्पेस में सेलफ़ोन टावर की तरह काम करता है, जिससे एक स्टैंडर्ड रोमिंग पार्टनर के जैसा ही नेटवर्क इंटिग्रेशन होता है.
Direct To Cell दूर-दराज़ के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को सक्षम बनाता है, जिससे कस्टमर्स को सबसे ज़रूरी मौकों पर मानसिक शांति मिलती है.
SpaceX बड़े पैमाने पर Direct To Cell क्षमता के साथ Starlink सैटेलाइट को तैनात करने के लिए दुनिया के सबसे ऐडवांस रॉकेट और स्पेसक्राफ़्ट के निर्माण और लॉन्चिंग में अपने अनुभव का लाभ उठा रहा है. Direct To Cell सैटेलाइट को शुरू में SpaceX के Falcon 9 रॉकेट और फिर Starship से लॉन्च किया जाएगा. ऑर्बिट में, सैटेलाइट्स दुनिया भर में कनेक्टिविटी देने के लिए तुरंत लेज़र बैकहॉल पर Starlink के नेटवर्क से जुड़ जाएँगे.
मोबाइल कवरेज बढ़ाने के अलावा, Direct to Cell टेक्नोलॉजी ऐसे इलाकों में भी इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT) कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाएगी जहाँ ज़मीन पर आधारित नेटवर्क नहीं पहुँचते. इससे दुनिया भर के बुनियादी उद्योगों में लाखों डिवाइस आपस में कनेक्ट हो सकेंगे. • किसी खास तरह के या अतिरिक्त हार्डवेयर की ज़रूरत नहीं है • बाज़ार में आसानी से मिलने वाले CAT-1, CAT-1 Bis और CAT-4 मॉडेम के साथ काम करता है* •2025 से, मंज़ूरी पाने वाले देशों में हमारे ग्लोबल पार्टनर के ज़रिए इसके प्लान उपलब्ध होंगे *3GPP पर काम करने वाला रिलीज़ 10 या उसके बाद के वर्ज़न को सपोर्ट करने वाला मॉडेम होना चाहिए. साथ ही, यह मॉडेम उन देशों में इस्तेमाल होने वाले मौजूदा बैंड को भी सपोर्ट करने वाला होना चाहिए, जिन देशों में आपको सर्विस चाहिए.
Direct to Cell का उपयोग करने वाले सेलुलर प्रोवाइडर्स के पास सभी पार्टनर देशों में पारस्परिक ग्लोबल ऐक्सेस का ऐक्सेस है.
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