

Direct To Cell हर LTE फ़ोन के साथ हर उस जगह पर काम करता है, जहाँ से आसमान दिखाई देता है, जिसके चलते ज़मीन, झीलों या तटीय इलाकों में ऑफ़-द-ग्रिड कनेक्टिविटी मिलती है. मौजूदा हार्डवेयर, फ़र्मवेयर या विशेष ऐप में किसी भी तरह के बदलाव की ज़रूरत नहीं है. Starlink Direct to Cell सैटेलाइट्स ज़रूरत के समय लोगों को जीवन रक्षक कनेक्टिविटी देते हैं. - न्यूज़ीलैंड के किसी बिना मोबाइल सर्विस वाले क्षेत्र में, एक महिला की कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई, लेकिन Starlink Direct to Cell कनेक्शन की बदौलत वे टेक्स्ट मैसेज के ज़रिए अपने पार्टनर को दुर्घटना की लोकेशन की जानकारी भेज सकीं और पहली सूचना पर मदद के लिए पहुँचने वाले राहतकर्मी टेक्स्ट भेजे जाने के कुछ मिनट के अंदर ही उन तक पहुँच गए. - संयुक्त राज्य अमेरिका में तूफ़ान, भारी बाढ़ और जंगल की आग के बाद, 1.5 मिलियन से भी ज़्यादा लोग ऐसे लाखों SMS मैसेज और सैकड़ों वायरलेस इमरजेंसी अलर्ट भेज सके और पा सके, जो सामान्य स्थिति में शायद न मिल पाते, लेकिन सैटेलाइट कनेक्शन की वजह से वे सफलतापूर्वक डिलीवर किए जा सके.

Direct To Cell क्षमता वाले Starlink सैटेलाइट्स में एक eNodeB मॉडेम शामिल होता है, जो स्पेस में सेलफ़ोन टावर की तरह काम करता है. ये दुनिया का सबसे ऐडवांस्ड फ़ेज़्ड ऐरे एंटीना हैं, जो लेज़र के ज़रिए दुनिया के किसी भी कोने से आसानी से कनेक्ट हो जाते हैं, जिससे एक स्टैंडर्ड रोमिंग पार्टनर की तरह ही नेटवर्क इंटिग्रेशन की सुविधा मिल पाती है.

दुनिया के 50 प्रतिशत से भी ज़्यादा ज़मीनी इलाकों में, टेरेस्ट्रियल सर्विस नहीं पहुँच सकी है. Starlink अपने Direct to Cell नेटवर्क को बेहतर बना रहा है और ज़्यादा-से-ज़्यादा कस्टमर्स को लगातार कवरेज देने के लिए दुनिया भर के मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर्स के साथ काम करने की तैयारी में जुटा हुआ है, ताकि कस्टमर्स को सबसे ज़रूरी मौकों पर मन का सुकून मिल सके.

Direct To Cell क्षमता वाले Starlink सैटेलाइट को बड़े पैमाने पर लगाने के लिए, SpaceX दुनिया के सबसे ऐडवांस्ड रॉकेट और स्पेसक्राफ़्ट के निर्माण और लॉन्च से जुड़े अपने अनुभव का लाभ उठा रहा है. Direct To Cell सैटेलाइट्स को शुरू में SpaceX के Falcon 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था और अगली पीढ़ी के सैटेलाइट्स को Starship से लॉन्च किया जाएगा. ऑर्बिट में पहुँचने पर ये सैटेलाइट्स, दुनिया भर में कनेक्टिविटी देने के लिए लेज़र बैकहॉल के ज़रिए Starlink के नेटवर्क से फ़ौरन कनेक्ट हो जाएँगे.

मोबाइल कवरेज बढ़ाने के अलावा, Direct to Cell टेक्नोलॉजी ऐसे इलाकों में भी इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT) कनेक्टिविटी उपलब्ध करवाएगी जहाँ ज़मीन पर आधारित नेटवर्क नहीं पहुँचते. इससे दुनिया भर के बुनियादी उद्योगों में लाखों डिवाइस आपस में कनेक्ट हो सकेंगे. • किसी खास तरह के या अतिरिक्त हार्डवेयर की ज़रूरत नहीं है • बाज़ार में आसानी से मिलने वाले CAT-1, CAT-1 Bis और CAT-4 मॉडेम के साथ काम करता है* •2025 से, मंज़ूरी पाने वाले देशों में हमारे ग्लोबल पार्टनर के ज़रिए इसके प्लान उपलब्ध होंगे *3GPP पर काम करने वाला रिलीज़ 10 या उसके बाद के वर्ज़न को सपोर्ट करने वाला मॉडेम होना चाहिए. साथ ही, यह मॉडेम उन देशों में इस्तेमाल होने वाले मौजूदा बैंड को भी सपोर्ट करने वाला होना चाहिए, जिन देशों में आपको सर्विस चाहिए.

Direct to Cell का इस्तेमाल करने वाले सेल्युलर प्रोवाइडर्स को सभी पार्टनर देशों में पारस्परिक ग्लोबल ऐक्सेस मिलता है.
T-MOBILE (USA) >
OPTUS (ऑस्ट्रेलिया) >
TELSTRA (ऑस्ट्रेलिया) >
ROGERS (कनाडा) >
ONE NZ (न्यूज़ीलैंड) >
KDDI (जापान) >
SALT (स्विट्ज़रलैंड) >
ENTEL (चिली) >
ENTEL (पेरू) >
KYIVSTAR (यूक्रेन) >
VMO2 (यूके) >
...जल्द ही कई और पार्टनरशिप होने वाली हैं.